सोमवार, 16 जुलाई 2012



एक भरोसा है ; तो बद गुमानी भी
इस दुनिया के बहुत से
दिल, टूटते - बिखरते - चूर चूर देखकर...
न जाने क्यूँ सच लगता है-
कि, दोस्ती प्यार और रिश्ते
सिर्फ टूटकर ही ख़त्म होते हैं
दोस्ती भी जरूरत के आधार पर...
प्यार दुनिया की सहमती के
और..
और रिश्ते...?
खुदगर्जी और धोखों का
एक अच्छा सा नाम ही मात्र ...

दोस्ती प्यार और रिश्ते-
सिर्फ टूटकर ही ख़त्म नहीं होते
कभी - कभी 
यूँ ही हौले से....
अपने आप - दिलों में ही ख़त्म हो जाते हैं ,
अब डर टूटने से नहीं लगता
खुद ही ख़त्म होने से लगता है
टूटने और तोड़ने के बाद भी
ह्रदय में स्पंदन सा बाकी सा बचा रह जाता है
एक पीड़ा ह्रदय में बस जाती है
एक स्मृति ह्रदय पर छाई रहती है...
पर...
पर यूँ ही ..हौले से अपने आप ही
दिलों में ख़त्म हो जाने के बाद
शेष तो कुछ बचता ही नहीं -
मात्र स्पंदन भी नहीं
तनिक क्षोभ भी नहीं.

...वन्दना...

5 टिप्‍पणियां:

  1. maanveey sambandhon ki jatilta aur visangatiyon se upji peeda ..kya kahne... very heart touching ... God bless you ..:)

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  2. बहुत प्यारी से रचना


    हर रिश्ते में ...अपना १००% क्यों देना पड़ता हैं ....हर रिश्ते को साबित करने के लिए इतने सारे इम्तेहान क्यों पास करने पड़ते हैं ?

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  3. "दोस्ती प्यार और रिश्ते " मानव जीवन की धुरी है और इन की विसंगतियों पर आपकी कविता दिल को झाक्जोर देने वाली रचना है!
    बहूत सही फ़रमाया मोहतरमा
    " पर यूँ .......होले से अपने आप ही
    दिलो में ख़तम हो जाने के बाद
    शेष तो कुछ बचता ही नहीं
    मात्र स्पंदन भी नहीं तनिक छोभ भी नहीं "
    परन्तु मेरी प्रभु से यही कामना है कि
    आपके जीवन में दोस्ती प्यार और रिश्ते सदा बने रहें !!!
    आमीन !!!

    जवाब देंहटाएं
  4. "दोस्ती प्यार और रिश्ते " मानव जीवन की धुरी है और इन की विसंगतियों पर आपकी कविता दिल को झाक्जोर देने वाली रचना है!
    बहूत सही फ़रमाया मोहतरमा
    " पर यूँ .......होले से अपने आप ही
    दिलो में ख़तम हो जाने के बाद
    शेष तो कुछ बचता ही नहीं
    मात्र स्पंदन भी नहीं तनिक छोभ भी नहीं "
    परन्तु मेरी प्रभु से यही कामना है कि
    आपके जीवन में दोस्ती प्यार और रिश्ते सदा बने रहें !!!
    आमीन !!!

    जवाब देंहटाएं
  5. मार्मिक चित्रण वंदना !प्रभु दसे यही कामना है ,
    "आपके जीवन में 'दोस्ती प्यार और रिश्ते' अपनी छठा बिखेरते रहे"

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आपकी प्रतिक्रिया निश्चित रूप से प्रेरणा प्रसाद :)